वाट चैवत्थानारम अयुत्या में सबसे प्रभावशाली मंदिरों में से एक है, जो अपनी शानदार खमेर शैली की वास्तुकला के लिए जाना जाता है। राजा प्रसाद थोंग द्वारा 1630 में अपनी मां के सम्मान में बनवाया गया, मंदिर का केंद्रीय प्रांग आठ छोटे चेदियों से घिरा हुआ है, जो एक सममित और सामंजस्यपूर्ण लेआउट बनाता है। मंदिर का नदी के किनारे स्थित होना और ऐतिहासिक महत्व इसे इतिहास के शौकीनों और फोटोग्राफरों दोनों के लिए एक लोकप्रिय स्थान बनाता है।
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